Join WhatsApp

बच्चों ने सीखा किचेन गार्डेन व बागवानी करने का कौशल

दुधारा (संतकबीरनगर)। ए.एच.एग्री. इंटर कालेज दुधारा में आयोजित समर कैंप के नवे दिन बच्चों को किचेन गार्डेन व बागवानी के लाभ व उसको विकसित करने का कौशल सिखाया गया। पुराने कलर चार्ट पेपर से गुलदस्ता व सजावटी फुल बनाने के तरिके भी सिखाये गए। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षक जुबेर अहमद व संचालन नोडल शिक्षक कमरे आलम सिद्धिकी ने किया। गर्मी को देखते हुए कल से कैम्प प्रातः 7 से 9 बजे तक चलेगा।

प्रधानाचार्य संजय द्विवेदी ने बताया कि बच्चों घरों में छोटी-छोटी सब्जियों की बागवानी का शौक रखना चाहिए। अगर आपके घर के सामने थोड़ी सी ज़मीन है तो उसे यूं ही खाली ना जाने दें और उसका उपयोग करें। तुलसी के पत्‍ते हों या मीठे नीम की पत्तियों, घर में किचन गार्डन होने पर आपको ये आसानी से मिल जाते हैं। आपको इन छोटी-छोटी हर्बल चीजों के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है। किचन गार्डन होने पर आपको पता रहता है कि आप क्‍या खा रहे हैं। आजकल बाजार में पेस्टिसाइड मिली हुई साग व सब्जियां मिलती है, लेकिन घर पर उगी हुई सब्‍जी, सही होती है।किचन गार्डन में उगी सब्जियों को बनाने से आपका बजट मेंटेंन रहता है. ये सब्जियां अच्‍छी और सस्‍ती होते हैं।

उन्होंने कहा कि आप मन मुताबिक समय पर उन्‍हे तोड़कर बना सकते हैं। घर पर तुलसी, धनिया और पुदिना जैसी चीजें उगाएं। इन्‍हे खाएं, जिससे आपको कई रोगों में आराम मिलेगा। बुखार, अस्‍थमा, फेंफड़ों के रोगों आदि में ये फायदा करती हैं। ये सब आपको हेल्‍दी बनाती हैं। बागवानी करने से तनाव कम होता है। आपका दिमाग उसी में लगा रहता है जिससे आप इधर उधर की बातें सोच नहीं पाते हैं। घर में किचन गार्डन होने से कीट आदि कम पैदा होते हैं क्‍योंकि खाली जगह का सदुपयोग हो जाता है। साथ ही कुछ विशेष प्रकार के पौधे, कीटों को भागने में सक्षम होते हैं। कार्यक्रम से पूर्व छात्राओं को योगाभ्यास भी कराया गया।

इस दौरान प्रधानाचार्य संजय द्विवेदी, मुहम्मद इस्तियाक, फसीयुद्दीन, कमरे आलम सिद्दीकी, अब्दुल सलाम, मुहम्मद शाहिद, जुबैर अहमद, मुहम्मद युनुस, औबेदुल्लाह, ओजैर अहमद, सबीह अहमद, असादुल्लाह, जुनैद अहमद, रफी अहमद सहित अनेक लोगों मौजूद रहे।

Leave a Comment